
What is Nipoh virus in hindi.इस समय निपाह वायरस को लेकर पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई हैं। लोग निपाह वायरस प्रभावित क्षेत्र को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। दोस्तों ये निपाह वायरस क्या हैं। यह कैसे फैलता हैं।इसके लक्षण क्या हैं, और इससे कैसे बचा जा सकता हैं।आज की पोस्ट इसी बारे में उम्मीद हैं। आपको यह जानकारी अच्छी लगेगी।
निपोह वायरस क्या हैं और कैसे फैलता हैं ?
दोस्तों निपाह वायरस का प्रथम बार 1998 संज्ञान में मलेशिया के निपाह गाँव के एक व्यक्ति में आया था। जिसकी मौत इस वायरस से हो गई थी। WHO के अनुसार निपाह वायरस चमगादड़ो(फ्रूट बेट्स) से फलों में व फलों से मनुष्यों में और जानवरों में फैलता हैं। इसके बाद इन प्रभावित लोगों या जानवरों के संपर्क में आने पर यह बहुत ही तेजी से फैलता हैं । खजूर की खेती करने वाले किसान के इससे प्रभावित होने की सम्भावना अधिक होती हैं।

वायरस होने का कैसे लगाते हैं पता ?
निपाह वायरस (NiV) के इंसानों में संक्रमण का पता चिकित्सीय जांचों द्वारा लगाया जा सकता है। निपाह के संक्रमण की जांच शुरुआती दौर से लेकर श्वसनतंत्र के गंभीर रूप से प्रभावित होने और जानलेवा इन्सेफेलाइटिस होने तक कराई जा सकती है।

वायरस के लक्षण
- इस वायरस की इन्कुबेशन अवधि 5 से 14 दिन होती हैं इसके बाद इस वायरस के लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं।
- इसके सामान्य लक्षणों में सिर दर्द, बुखार,मितली,बेहोशी छाना, आँखों के सामने धुंध छा जाना हैं।
- इन लक्षणों के दिखाई देने के दो दिनों में ही संक्रमित व्यक्ति के कोमा में चले जाने की संभावना होती हैं।
- बुखार के साथ मानसिक रूप से सुस्त होना और कन्फ्यूजन होना कुछ मामलों में साँस लेने में तकलीफ होती है।
निपोह वायरस से कैसे बचे
- निपाह वायरस का वाहक फलों को चूसने वाला चमगादड़ होता हैं इसलिए कुतरे हुए फलों का सेवन न करें।
- पेड़ से गिरे हुए फलों का सेवन न करें।
- फलों को अच्छी तरह से साफ करके ही खाए ।
- खजूर से बनी शराब का सेवन न करें।
- संक्रमित व्यक्ति से दूर ही रहें क्योकिं यह एक इन्सान से दूसरे इन्सान में तेजी से फैलता हैं |
- निपाह वायरस क्योकिं जानवरों से इंसानों में फैलता हैं इसलिए संक्रमित पशुओं से दूरी बना कर रक्खे|
- आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें।
- निपाह बुखार से मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को ढंकना महत्वपूर्ण है। मृत व्यक्ति को गले लगाने से बचें और उसके सम्पर्क में आने से बचें क्योंकि उसमें वायरस के अवशेष मौजूद होंगे। और उसके अंतिम संस्कार से पहले शरीर को स्नान करते समय सावधानी बरतें।
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